निर्जला एकादशी


निर्जला एकादशी की आपको शुभकामनाएं! निर्जला एकादशी, हिन्दू पंचांग में व्रत के रूप में मान्यता प्राप्त है। यह व्रत विष्णु भगवान को समर्पित होता है और इसे ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को आचरण किया जाता है।

निर्जला एकादशी व्रत में पानी भी नहीं पीता जाता है, इसलिए इसे "निर्जला" (निर = नहीं, जल = पानी) कहा जाता है। यह व्रत मान्यताओं के अनुसार दुर्गुणों को दूर करने, सुख, समृद्धि, और मोक्ष की प्राप्ति के लिए श्रेष्ठ माना जाता है। इस व्रत को आचरण करने से मान्यताओं के अनुसार व्यक्ति के पापों का क्षय होता है और उन्हें आध्यात्मिक और शारीरिक लाभ मिलता है।

इस विशेष दिन पर, विष्णु भगवान की पूजा, ध्यान, जप और सत्संग की जाती है। ज्येष्ठ मास की शुक्ल पक्ष की एकादशी को अच्छी तरह से मान्यताओं के अनुसार निर्जला एकादशी व्रत के साथ आचरण करने से विशेष आध्यात्मिक और शारीरिक लाभ होता है।

इस मौके पर, आप विश्वधारं गगनसद्शं मेघवर्णं शुभाड्गमं लक्ष्मीकांत कमलनयनं योगिभिर्ध्यानगम्यं वंदे विष्णु भवभयहरं सर्वलोकैकनाथम् का ध्यान और स्तुति कर सकते हैं। इसके साथ ही, इस विशेष दिन को आप विशेष पूजा, ध्यान और जप के साथ बिता सकते हैं।

निर्जला एकादशी की आपको फिर से शुभकामनाएं!


 

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